गुरुवार, 14 मई 2009

अब समझ आ रहा है कि दरसल मीडिया क्या चीज है पिछले एक साल से काम कर रहा हूँ लगता है ग़लत जगह आ गया हूँ क्या करू पत्रकार बनने का चस्का ही ऐसा लगा था खैर अ़ब आ गया हूँ तो आगे भगवान कि मर्जी ऐसी खीचांतान बाप रे बाप कभी कभी तो डर लगने लगता है कही जल्दी ना सरक जाऊँ

बहराल ऐसे संस्थान मै हूँ कैरिएर आगे बढ़ा सकता हूँ संतोष है लेकिन पत्रकारिता कि पढ़ाई जिस जोर शोर से शरु कि थी उतनी अ़ब ठंडी पड़ गई है अभी पत्रकार बनने के लिए लंबा सफर तय करना है मंदी के इस दौर मै राहें काफी कठिन हैं लेकिन asambhav नही आशा है आगे एक सफल पत्रकार बन पाउँगा